Aipankari – Art from the Heart of Uttarakhand
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Aipankari: गाँव की चौखट से दुनिया तक – एक कला, एक मिशन, एक कहानी

पहाड़ों की ठंडी हवा, मिट्टी की खुशबू और आँगन में गेरु-सफ़ेद रंग का सुंदर ऐपण
यह नज़ारा किसी भी उत्तराखंडी गाँव में आपको मिल सकता था।
लेकिन अब यह नज़ारा धीरे-धीरे मिट रहा है।

Aipankari का जन्म इसी सपने के साथ हुआ —

“हम अपनी कला, अपनी पहचान और अपने कलाकारों को दुनिया तक पहुँचाएँगे।”

और यह सिर्फ ऐपण तक सीमित नहीं, बल्कि हर उस लोक हस्तशिल्प तक है जो अपनी पहचान खो रहा है।

गाँव की चौखट से शुरुआत

कभी यह कला गाँव की चौखट, आँगन और दीवारों तक सीमित थी।

  • महिलाएँ इसे त्योहारों और पूजा के समय बनाती थीं।
  • बच्चे खेल-खेल में इससे जुड़ते थे।
  • हर डिज़ाइन के पीछे एक आशीर्वाद और कहानी छुपी होती थी।

गायब होती विरासत

समय बदला… और बदला हमारे घरों का चेहरा।

  • प्लास्टिक के सजावट सामान
  • रेडीमेड डेकोर
  • और मॉडर्न डिज़ाइन ने हमारी चौखट से ऐपण को चुपचाप बाहर कर दिया।

गाँव की कई महिलाएँ अब सिर्फ त्योहारों में ही इसे बनाती हैं, वो भी जल्दी में…
और बच्चों की उँगलियाँ अब मोबाइल स्क्रीन पर चलती हैं, चावल के घोल में नहीं। अगर यही चलता रहा, तो यह खज़ाना आने वाली पीढ़ी के लिए सिर्फ तस्वीरों और म्यूज़ियम में बचेगा।

हैंडक्राफ्ट: क्या सिर्फ ऐपण ही ?

Aipankari मानता है कि हर लोककला एक खज़ाना है
उत्तराखंड और भारत में सैकड़ों तरह की हैंडक्राफ्ट हैं जो अपनी खूबसूरती और मेहनत के बावजूद गुमनामी में हैं।

कुछ उदाहरण:

  • रिंगाल क्राफ्ट – बाँस जैसे घास से बनी टोकरियाँ, फर्नीचर और सजावट।
  • पन्याली और थुलमा – हाथ से बुने गर्म ऊनी कपड़े।
  • वुड कार्विंग (लकड़ी की नक्काशी) – मंदिरों, दरवाजों और सजावटी सामान पर बारीक कारीगरी।
  • कॉपर और ब्रास बर्तन – पारंपरिक धातु कला, जो अब मॉडर्न डिज़ाइन में ढल रही है।
  • ऊन और हैंडलूम प्रोडक्ट्स – शॉल, स्कार्फ, टोपी और बैग।

Aipankari का मिशन है कि ऐपण के साथ-साथ इन सभी कलाओं को भी गाँव से दुनिया तक ले जाया जाए।

Aipankari: जब चौखट ने पुकारा

हमने Aipankari की शुरुआत एक मिशन के साथ की —
“अगर हम अपनी परंपरा को नहीं बचाएँगे, तो ये सिर्फ फोटो और यादों में रह जाएगी।”

Aipankari का मतलब है — अपनी जड़ों से जुड़कर, अपनी कला से दुनिया को छू लेना।    

aipankari (6)
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हमारा लक्ष्य साफ़ है:

  1. परंपरा को बचाना – ऐपण और अन्य हस्तशिल्प को जीवित रखना।
  2. कलाकारों को पहचान – गाँव-गाँव में छुपे हुनर को मंच देना।
  3. संस्कृति को आधुनिक बनाना – पारंपरिक डिज़ाइन को मॉडर्न होम डेकोर और लाइफ़स्टाइल में लाना।

आध्यात्मिकता और सुंदरता का मेल

चाहे ऐपण हो या वुड कार्विंग — हर कला में संस्कृति, आध्यात्मिकता और सौंदर्य छुपा है।
हम चाहते हैं कि लोग इन कलाओं को अपने घरों, ऑफिस और उपहारों में अपनाएँ ताकि वे सिर्फ सामान न रहें, बल्कि कहानियाँ बनें।


मॉडर्न आर्ट के सहारे – नई पीढ़ी को जोड़ना, परंपरा को बचाना

आज की तेज़ रफ्तार और बदलती दुनिया में पुरानी परंपराएँ अक्सर भुला दी जाती हैं। लेकिन Aipankari का मकसद सिर्फ कला को बचाना नहीं, बल्कि उसे इस तरह पेश करना है कि नई पीढ़ी उसे अपनाने पर गर्व महसूस करे। ऐपण और अन्य भारतीय हस्तशिल्प (Handcraft) को हम सिर्फ त्योहारों या विशेष मौकों तक सीमित नहीं रखना चाहते, बल्कि उन्हें मॉडर्न डिज़ाइन, नए रंगों और क्रिएटिव प्रोडक्ट्स के ज़रिये रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बनाना चाहते हैं।

सोचिए, वही पारंपरिक ऐपण डिज़ाइन, जो पहले शादी-ब्याह या पूजा में बनते थे, अब मॉडर्न वॉल पेंटिंग, होम डेकोर, कपड़ों के पैटर्न, और गिफ्ट आइटम्स में भी अपनी जगह बना रहे हैं। इस बदलाव से दो बड़े फ़ायदे होते हैं—

  1. नई पीढ़ी का जुड़ाव – उन्हें लगता है कि यह कला सिर्फ अतीत की याद नहीं, बल्कि उनके आज का हिस्सा है।
  2. परंपरा का संरक्षण – जब कला रोज़मर्रा की चीज़ों में शामिल हो जाती है, तो उसका खोना नामुमकिन हो जाता है।

Aipankari का मिशन यही है — परंपरा को मॉडर्न रंगों में लपेटकर, एक ऐसा पुल बनाना जो गाँव की चौखट से लेकर शहर की दीवारों और दुनिया के दिल तक इस पहचान को पहुँचा दे।

Aipankari Blog से – कला के पीछे की कहानियाँ

Aipankari मानता है कि कला सिर्फ डिज़ाइन नहीं, बल्कि एक कहानी और संस्कृति का हिस्सा है। इसीलिए हमारे ब्लॉग में हम सिर्फ प्रोडक्ट्स ही नहीं दिखाते, बल्कि उनके पीछे की इतिहास और जानकारी भी साझा करते हैं।

कुछ उदाहरण:

हमारा मानना है कि जब लोग प्रोडक्ट खरीदते हैं और साथ ही उसकी कहानी और महत्व जानते हैं, तो वह चीज़ सिर्फ सामान नहीं रहती, बल्कि एक जीवित परंपरा बन जाती है।

हमारी अपील – साथ मिलकर परंपरा को आगे बढ़ाएँ

Aipankari सिर्फ एक ब्रांड या नाम नहीं है, यह एक मिशन है — गाँव की चौखट से दुनिया तक भारतीय हस्तशिल्प की असली पहचान पहुँचाने का।
लेकिन यह मिशन तभी पूरा होगा, जब हम सब मिलकर इसे आगे बढ़ाएँ।

  • अगर आप कलाकार हैं, तो हमसे जुड़कर अपनी कला को नए मंच पर ले जाएँ।
  • अगर आप कला-प्रेमी हैं, तो इन हस्तशिल्पों को अपने घर, ऑफिस और गिफ्ट में जगह दें।
  • अगर आप बदलाव में विश्वास रखते हैं, तो Aipankari का संदेश अपने दोस्तों और परिवार तक पहुँचाएँ।

क्योंकि जब एक परंपरा बचती है, तो सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं, बल्कि पूरी पीढ़ी का गर्व बचता है।


निष्कर्ष: Aipankari से दुनिया तक

Aipankari सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि एक आंदोलन है।
यह गाँव की चौखट से उठी हुई उन कलाओं का सफर है, जो दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए तैयार हैं।

Aipankari – कला नहीं, एक वादा है जड़ों को जिंदा रखने का।

और जब यह सफर पूरा होगा, तो यह सिर्फ Aipankari की जीत नहीं होगी —
यह हर उस कलाकार की जीत होगी जिसने अपने हाथों से सपने बुने, तराशे और रंगे।


Instagram: @Aipankari
Website: www.aipankari.com

1 comment

    […] आप Aipankari जैसी डिजिटल पहल को अपनी कला और परंपरा […]

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