“जहाँ हर धागा, हर आकृति और हर रंग एक कहानी सुनाता है”
उत्तराखंड की पहाड़ियों में, जहाँ बादल छतों को छूते हैं और नदियाँ गीत गाती हैं, वहीं पनपी है हैंडक्राफ्ट आर्ट Uttarkhand Handcraft Art की एक ऐसी दुनिया जो मशीनों के युग में भी अपनी आत्मा और असली रूप से ज़िंदा है।
चाहे वह कुमाऊँनी ऐपण की सफ़ेद लकीरें हों, गढ़वाली रिंगाल बांस की बुनाई हो या ऊनी पशमीना शॉल की गरमाहट – हर कारीगरी में पहाड़ की खुशबू और लोगों का दिल बसा है।
यह कला सिर्फ देखने भर की चीज़ नहीं, बल्कि छूने, महसूस करने और जीने का अनुभव है।
डिजिटल प्रिंट भले ही हज़ारों कॉपी बना दें, लेकिन एक कारीगर के हाथ से बनी चीज़… वह सिर्फ एक होती है – और वही उसकी सबसे बड़ी ताकत है।
उत्तराखंड की हैंडक्राफ्ट आर्ट – अनोखी क्यों? Uttarkhand Handcraft Art
उत्तराखंड सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता का घर नहीं, बल्कि यहाँ की पारंपरिक हस्तकलाएँ भी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखती हैं। Aipankari का उद्देश्य इन्हीं दुर्लभ और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कलाओं को आधुनिक दुनिया से जोड़ना और इन्हें नई पीढ़ी तक पहुँचाना है। आइए जानते हैं उत्तराखंड की कुछ खास हस्तकलाओं (Uttarkhand Handcraft Art) के बारे में—
1. एपेन (Aipan Art)
- यह कुमाओं की folk/रूटीन कला है, जो त्योहारों, शादी-विवाह और पूजा जैसे विशेष अवसरों पर घर की दीवारों और फर्श पर गोबर-लाल (Geru) पृष्ठभूमि पर चावल के लेप से बनाई जाती है ।
- महिलाओं द्वारा पारंपरिक रूप से बनाई जाने वाली यह कला शुभता और बुराई को दूर करने का प्रतीक है ।
- इसे दिसंबर 2021 में GI टैग भी मिलता है, जो इसकी विशिष्टता और संरक्षण को अमली बनाता है ।

2. रिंगाल शिल्प (Ringal Craft)
- कुमाओं के विभिन्न जिलों (चमोली, बागेश्वर, अल्मोड़ा इत्यादि) में रिंगाल—एक प्रकार की बांस या बंजर बांस—से बने बास्केट, टोकरियाँ, चटाइयाँ, सुपा (तराखी), थालियाँ जैसे उपयोगी एवं टिकाऊ उपकरण बनते हैं ।
- यह कला न केवल पर्यावरण-अनुकूल है बल्कि इन उत्पादों की उम्र 20–25 साल तक होती है, जिससे ये टिकाऊ और व्यावहारिक बनते हैं ।

3. लिखाई (Likhai – लकड़ी की नक्काशी)
- उत्तराखंड की लकड़ी की नक्काशी, जिसे लिखाई कहा जाता है, मंदिरों, घरों की खिड़की, दरवाजे, स्तंभों पर दिखाई देती है। इन पर फूल, देवता, ज्यामितीय डिज़ाइन काफी सूक्ष्मता से उकेरे जाते हैं ।
- यह कला पारंपरिक प्रशिक्षण (apprenticeship) से पीढ़ी दर पीढ़ी सीखने वाली है और आज भी कुछ मास्टर कारीगर इसे जीवित रख रहे हैं ।

4. धातु का काम और भंकौरा (Bhankora)
- उत्तराखंड का टंटा समुदाय (Tamta artisans) पे एयरोफोनिक वाद्य यंत्र भंकौरा (Bhankora) बनाते हैं, जो मंदिरों और लोक-नाट्यों में पूजा और उत्सव के दौरान बजाया जाता है ।
- इसके अलावा, ताम्टा कारीगर प्रतिमा, बर्तन, धार्मिक उपकरण, घरेलू उपयोग की वस्तुएँ (तांबे या पीतल की) बनाते हैं ।

5. वूल और टेक्सटाइल (Angora, Pashmina, Woollen Crafts)
- अल्मोड़ा, बागेश्वर, नैनिताल, देहरादून जैसे इलाकों में पश्मिना, अंगोरा और ऊनी शॉल, टोपियाँ, दरी (Thulma), कंबल, कार्पेट बनाए जाते हैं, जिनका डिज़ाइन तिब्बती पारंपरिकता से प्रभावित होता है
- यह कला ऊनी वस्तुओं को स्थानीय भूगोल और संस्कृति की सुंदरता के साथ जोड़ती है।

6. पांचाली व पुसार (Pichora Stole)
- उत्तराखंड की पारंपरिक पोशाकों में “पिछौड़ा” (Pichora)—विशेष अवसरों पर पहनी जाने वाली लाल-सफ़ेद या केसरियों रंग की दुपट्टा—भी एक कलात्मक हस्तकला है। इसे हाथ से बुना और सजीव पैटर्नों के साथ सजाया जाता है

सारांश – एक नजर में: Uttarkhand Handcraft Art
कला का रूप | स्थान/समुदाय | प्रमुख विशेषताएं |
Aipan Art | Kumaon के गांव | धार्मिक, सौभाग्य का प्रतीक, GI-टैग |
Ringal Craft | Kumaon क्षेत्र | टिकाऊ, उपयोगी, पारिस्थितिक |
Likhai (Wood carvings) | Kumaon, Garhwal | मंदिरों पर सुक्ष्म नक्काशी, पारिवारिक ज्ञान |
Bhankora & Metalwork | Tamta (Tamta artisans) समुदाय | वाद्य और धार्मिक उपकरण, प्रतीकात्मक महत्व |
Woollen Textiles | Almora, Nainital, Pithoragarh | ऊनी कला, ठोस पर्यावरणीय अनुकूलता |
Pichora Stole | Kumaoni संस्कृति | पारंपरिक वेशभूषा, सांस्कृतिक पहचान |
इन सब कलाओं में संस्कृति, पर्यावरण, उपयोगिता, धार्मिकता और सौंदर्य का समन्वय है—जिससे यह उत्तराखंड की Handcraft Art को न केवल अनूठा बनता है, बल्कि इसकी रक्षा करना और आगे बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण भी है।
उत्तराखंड की हैंडक्राफ्ट आर्ट क्यों सबसे अलग है? Uttarkhand Handcraft Art
- यूनिकनेस – हर पीस अलग और खास
- मानव स्पर्श – हर डिज़ाइन में कारीगर का दिल और मेहनत
- संस्कृति का मेल – हर कला में लोककथाओं और परंपरा की झलक
- सीमित उत्पादन – बड़े पैमाने पर नहीं, इसलिए रेयर और वैल्यू वाली
- पर्यावरण–अनुकूल – नैचुरल मटेरियल से बनी
उत्तराखंड की हैंडक्राफ्ट आर्ट (Uttarkhand Handcraft Art) सिर्फ कला नहीं, बल्कि यहाँ की संस्कृति, परंपरा और पहचान का जीवंत हिस्सा है।
Aipankari इन अनमोल धरोहरों को सिर्फ सुरक्षित ही नहीं रखता, बल्कि इन्हें दुनिया के हर कोने तक पहुँचाने का मिशन रखता है।